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हैवानियत के दरिंदों की राजस्थान में बाढ़: अलवर में मूक-बधिर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म, बाद में पुलिया पर फेंका



राजस्थान :- हैवानियत अपने चरम पर है। राजस्थान के अलवर में मंगलवार रात मूक-बधिर नाबालिग मासूम से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद दरिंदे उसे पुलिया पर फेंक गए। लहूलुहान 16 वर्षीय मासूम एक घंटे से भी ज्यादा समय तक पुलिया पर तड़पती रही। सूचना मिलने पर रात 10:30 बजे पुलिया पर पहुँचे पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया। हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने पीड़िता को देर रात जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। पीड़िता के गुप्तांग से काफी खून बहने से उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पीड़िता का ऑपरेशन किया गया है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले हैं, लेकिन अब तक आरोपितों की पहचान नहीं हो सकी है।


दरिंदगी के मामलों में अव्वल आते राजस्थान की सरकार वर्षों से चुप्पी साधे हुए है, जिसे लेकर देसी माइक्रोब्लॉगिंग ऐप, कू पर कई नेताओं और जनता ने आवाज़ उठाई है।


केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गेहलोत सरकार को धर-दबोचते हुए कहा है:


"क्या हो रहा है मेरे राजस्थान को!  

हमारी बेटियों ने इतिहास से अब तक हमारा सर ही ऊंचा किया है, और उनके साथ क्या हो रहा है? ये असुर कहां से आ गए हमारी जमीन पर? 

गहलोत जी राजस्थान का दुष्कर्म के आंकड़ों में पहला स्थान है और उस पर भी अलवर में एक बिटिया का जीवन लीलने की कोशिश होती है! 

स्थिति बर्दाश्त के बाहर हो रही है। गहलोत जी, मुख्यमंत्री होने के नाते आप कुछ तो कीजिए!

#Rajasthan "


संसद सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोल राज्यवर्धन राठौर ने भी राजस्थान सरकार को चपत लगते हुए कहा है:


"दुष्कर्म के आंकड़ों में प्रदेश कांग्रेस सरकार, राजस्थान को पहले स्थान पर ली आई है। इन्हें आंकड़े बताए जाएं, तो ये शर्म महसूस करना तो दूर, नरकीय यातना झेल चुकी बहनों-बेटियों को झूठा तक कह देते हैं।

#राजस्थानकीनिर्भयामांगेइंसाफ" 


वहीं कार्टूनिस्ट जर्नलिस्ट अभिषेक ने एक पोस्टर के माध्यम से अपनी बात रखकर प्रदेश सरकार को पछाड़ लगाई, जिसमें उन्होंने कहा:


"अलवर की बेटी से निर्भया जैसी दरिंदगी

घटनाएं रुके कैसे?

फांसी के फंदे ही ढीले हैं.."


सवाई माधोपुर की पूर्व विधायक दिया कुमारी ने कहा:


"अलवर जिले में मूक-बधिर नाबालिग के साथ हुई घटना सरकार की नाकामी बयां कर रही है। बेटियों की सुरक्षा को लेकर आखिर सरकार कब संवेदनशील होगी? मैं इस मामले में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करती हूं। @ashokgehlot51 @RajCMO "


अस्पताल में जब चिकित्सकों ने जांच की, तब पता चला कि वह मूक-बधिर होने के साथ ही मानसिक रूप से भी कमजोर है। आधा दर्जन चिकित्सकों की टीम पीड़िता का इलाज कर रही है। पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी है। आरोपितों की तलाश के लिए पांच टीमें अलग-अलग जगह भेजी गई हैं। किशोरी की स्थिति देखकर लगता है कि दुष्कर्म करने के बाद किसी धारधार चीज से उसके गुप्तांग में वार किया गया है, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई। इसके बाद दरिंदे उसे पुलिया पर फेंक कर भाग गए।


उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में राजस्थान में दुष्कर्म और छेड़छाड़ के 6310 मामले पुलिस में दर्ज हुए हैं। आखिर कब तक.........

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राजस्थान का पाषाण हृदय शासन और प्रशासन अपनी अकर्मण्यता छिपाने अमानवीय सफ़ाई दे रहा है। मंत्री महोदया कह रही हैं सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती! और पुलिस ने सारा जोर दुष्कर्म नहीं होने का दावा करने में लगा रखा है। बिटिया की जान बचानेवाले डॉक्टर क्या झूठ कह रहे हैं कि ऐसी बर्बरता उन्होंने नहीं देखी। राजस्थान सरकार और उसका पिट्ठू प्रशासन मुंह संभाल के बात करे। #Rajasthan - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 15 Jan 2022