रामायण महाकाव्य में इस राम-रावण युद्ध को सत्य की असत्य पर विजय के रूप में दर्शाया गया है। वहीं दशहरे के ठीक 21 दिन बाद दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। तो क्या आप जानते हैं कि दशहरे और दीपावली में 21 दिन का अंतर ही क्यों है?
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हर साल दशहरे के ठीक 21 दिन बाद ही दीपावली क्यों आती है? क्या कभी आपने इस बारे में सोचा है.. आपको यकीन न हो तो कैलेंडर देख लीजिएगा। आपको बता दें कि वाल्मिकी ने अपनी रामायण में लिखा है कि रावण के वध के बाद विभीषण को लंका सौंपकर भगवान राम अयोध्या लौटे थे। इस सफर को तय करने में श्री राम को पूरे 21 दिन लगे थे। उनके वापस आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने दिए जलाकर खुशी मनाई थी।
आपको बता दें कि वाल्मिकी ने अपनी रामायण में लिखा है कि रावण के वध के बाद विभीषण को लंका सौंपकर भगवान राम अयोध्या लौटे थे। श्री राम को अपनी पूरी सेना को श्रीलंका से अयोध्या तक पैदल चलकर आने में 21दिन(इक्कीस दिन यानी504घंटे) लगे!!!!अब हम 504 घंटे को 24घंटे से भाग दें तो उत्तर 21 आता है यानी इक्कीस दिन !!! मुझे भी आश्चर्य हुआ ।
कुछ भी बताया है यह सोचकर कौतूहल वश गूगल मैप पर सर्च किया। उसमें दर्शाता है कि श्रीलंका से अयोध्या की पैदल दूरी 3145 किलोमीटर और लगने वाला समय 504 घंटे।। हैं न आश्चर्यजनक बात वर्तमान समय में गूगल मैप को पूरी तरह विश्वनीय माना जाता है। लेकिन हम भारतीय लोग तो दशहरा और दीपावली त्रेतायुग से चली आ रही परंपरानुसार मनाते आ रहे हैं।समय के इस गणित पर आपको विश्वास न हो रहा हो तो गूगल सर्च कर देख सकते हैं तथा औरों को भी दीजिए यह रोचक जानकारी।
अब ऐसे में रामाणय की प्रमाणिकता पर सवाल उठाने वालों को भी सही जवाब मिल ही जाता है कि त्रेतायुग से चली आ रही दीपावली मनाने की परंपरा किसी अंधविश्वास या मनगढ़ंत कहानी के आधार पर नहीं है। बल्कि तथ्यों के आधार पर यह ग्रंथ लिखे गए हैं।
Social Plugin